Friday, October 5, 2007

गुरू ब्रह्म ज्ञानी पद पायें - भजन

गुरू ब्रह्म ज्ञानी पद पायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ।
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

दिवस आज का बहुत ही सुन्दर , अनुभव विचित्र हुए थे अन्दर
साई लीलाशाह को ध्याये , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

अंतर ज्योत जगा देते हैं , मन का भरम मिटा देते हैं
खुद ईश्वर धरा पर धाए , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

सतगुरु सृष्टि के पालनहारे , सब विधि बिगडे काज सँवारे
घट अनहद नाद सुनाएँ , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

ब्रह्मज्ञान का दीप जलाया , कलिकलुष अन्धकार मिटाया
सब ज्योतिर्मय चमकायें , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥

भक्त जनन के तारनहारे , हम सबके हे बापू प्यारे
"शुभ" चरणों में शीश झुकायें , घट में ईश्वर प्रगटायें
गुरू कृपा से संशय मिटायें , घट में ईश्वर प्रगटायें ॥


रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४