Tuesday, November 13, 2007

तुम दाता हो दयालु - भजन

ॐ : तुम दाता हो दयालु - भजन : ॐ

तुमने ही दया करके बिगड़े काज बनाये
तुम दाता हो दयालु सबके ही काम आए

मैं जब भी कभी भटका , तेरी राह से गुरुवर
मेरी बांह खींच लाये , मुझे छोडा अपने दर पर
इतनी दया की फिर भी , तुमको समझ ना पाये
तुमने ही दया करके बिगड़े काज बनाये

कुछ मांगने की चाहत , मेरे दिल में अब नहीं है
जो कुछ किया जो करते , सरकार सब सही है
जितना मिला जो तुमसे , वो ही संभल ना पाये
तुमने ही दया करके बिगड़े काज बनाये

फिर भी जो देना चाहो , सरकार प्यार देना
चरणों की अपने भक्ति , दिन रात मुझको देना
भूलूं तुम्हें कभी ना , चाहे जन्म सौ - सौ आयें
तुमने ही दया करके बिगड़े काज बनाये

"शुभ" दास की है विनती , छूटे ना दर तुम्हारा
चरणों का आसरा दो , बन जाऊं तुमको प्यारा
छूटे ना तेरा दामन , चाहे कोई इसे छुड़ाये

तुमने ही दया करके बिगड़े काज बनाये



रचित द्वारा : अभिषेक मैत्रेय "शुभ"
९९९०३४८६६४